Tuesday 28 July 2020

“जीना सीख ज़िन्दगी कुछ इस तरह से मेरे दोस्त,
खुशियों में खुश रहना,  गर हो ग़मज़दा तो खुद ही संभालना खुद को,
बात बस इतनी है, तू खुद-कर बन हौंसला बढ़ा ले,
और गर मिटा सके किसी के चेहरे की शिकन, तो तुझे मान गए दोस्त|
जीना सीख ज़िन्दगी कुछ इस तरह से मेरे दोस्त|| “

- दीप्ति त्यागी

Monday 8 June 2020

सुप्रभात 🌞
“यह दिन नवीन, कर सुप्रभात,
स्वयं को जगाओ अंतर्मन से,
दी है ईश्वर में भोर नयी,
कुछ अद्भुत कर जाओ इस वरदान से..! “

-दीप्ति त्यागी ✍🏻
“एक घर उसका अपना है,
दूजा सुनहरा सपना है,
एक लड़की तो गीली स्याही सी है,
एक कागज़ से दूजे पर छपना है,
एक घर उसका अपना है,
दूजा सुनहरा सपना है”


-दीप्ति त्यागी 

Sunday 10 May 2020

आज में जियो!

कितनी अजीब बात है ना ?
जिन पलों को हम कल जी नहीं पाए, उन्हें हम आज जीना चाहते हैं,
जिन पलों में हैं, उन्हें हम आज भी नहीं जी रहे,
तो फ़िर जो पल आये भी नहीं, उनके बारे में आज सोच कर हमे क्या मिल जायेगा?
जो नहीं है वो तो नहीं है ना और जो है बस वही तो है,
इसलिए आज में जियो!

-दीप्ति त्यागी


Thursday 30 April 2020

जीवन यूँ ही चलता जायेगा
कभी अच्छा तो कभी बुरा वक़्त आएगा,
हर वक़्त कुछ सिखला कर जायेगा,
और जिसने वक़्त से अच्छी सीख ली,
उसका आने वाला कल सुधर जायेगा,
और जीवन यूँ ही चलता जायेगा!

-दीप्ति त्यागी


Wednesday 29 April 2020

आप जैसे कलाकार दुनिया में कम बनते हैं,
आज तक आपके हर बोल पर हंसकर आँखे नम होती हैं,
आपका हुनर, आपका फन, हमेशा हर दिल में बसा रहेगा,
आप वो सितारे हैं, जो असल ज़िन्दगी में भी आसमान में चमकते हैं,
और दूर जाने के बाद भी उसी आसमान से सब ज़िंदगियाँ रौशन करते हैं !

भावपूर्ण श्रद्धांजलि | इरफ़ान खान

-दीप्ति त्यागी

Saturday 25 April 2020

बारिश के मौसम में!


बारिश के मौसम में, अब कपड़े गीले नहीं होंगे,
एक बीमारी ने घर बैठा दिया, कीचड़ से पैर मैले नही होंगे,
मगर उस गरीब की छत से तो अब भी पानी टपकेगा, गरीब तो अब भी अपनी भूख मुश्किल से मिटाएंगे,
कुत्ते अब भी सड़कों पर भूख से रोएंगे, बारिश के जमा पानी से नहाएंगे, प्यास बुझाएंगे,
सोचो उन लोगो का जो परिवार से दूर होंगे, वो लडकियां जिनके इस साल हाथ पीले नहीं होंगे, 
ये समय न तो जीते के लिए आसान है, न मुर्दे क लिए, सोचो उन लोगो का जो इस बीमारी से जूंझ रहे होंगे, 
उस डॉक्टर को तो अब भी तुम्हारी खुशामत के लिए निकलना है, इस महामारी से खुद ही लड़ना है, 
पुलिस तो अब भी तैनात रहेगी, तुम्हारी जान सलामत रहे, इसलिए खुद की जान देगी,
अब घर बैठकर आप क्या कर सकते हैं?  जो सरकार ने माँगा है, वो कर, सरकार की मदद कर सकते हैं,
शुक्रिया कर सकते हैं, इंसानियत के रखवालो का, घर रहकर इस दुनिया की सलामती की दुआ मांग सकते हैं,
क्या पता लग जाए आपकी वो दुआ और मिल जाए इस महामारी से छुटकारा, हम सभी उस ईश्वर से ये प्रार्थना कर सकते हैं!



-दीप्ति त्यागी